तीनों लोकों को समृद्धि देनेवाली, हे देवी, मुझ पर कृपा करो । विवाद, विषाद, प्रमाद, या प्रवास में, जल, अग्नि, अथवा पर्वत में, शत्रुओं के बीच, और जंगल में, मेरी रक्षा करो, तुम ही शरण्य हो। तुम ही रास्ता हो, एकमात्र तुम ही रास्ता हो, माँ भवानी। In the https://dallasoubin.blog5.net/64941618/how-much-you-need-to-expect-you-ll-pay-for-a-good-navratri